Bihar elections: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के आम बजट और जीएसटी सुधारों के जरिए बिहार के लिए छप्पर फाड़ तोहफों की सौगात दी है। इन कदमों को बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उठाए गए कदमों के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह ‘फेस्टिवल ऑफर’ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को चुनावी फायदा दिलाएगा?
जीएसटी रिफॉर्म: बिहार के लिए छठ से पहले राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी सुधारों को देश के 140 करोड़ लोगों के लिए बताया, लेकिन विशेष रूप से बिहार को इसका लाभ छठ पूजा और दीपावली से पहले मिलने की बात पर जोर दिया। जीएसटी सुधारों में टैक्स स्लैब को सरल करने और रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स दरों में कटौती शामिल है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी कारोबारी सुगमता में लाभ होगा।
आज तक के एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या जीएसटी कटौती बिहार चुनाव के लिए BJP का मैनिफेस्टो है, तो निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह बिहार नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों का मैनिफेस्टो है।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार, बिहार को छठ और दीपावली से पहले “डबल धमाका” मिल रहा है।
दिल्ली की जीत से बिहार में उम्मीद
2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद बीजेपी दिल्ली में शासन के लिए कई प्रयोग कर चुकी है। 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 12 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स छूट की घोषणा ने बीजेपी को रेखा गुप्ता के नेतृत्व में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अब बिहार में भी टैक्स छूट और जीएसटी सुधारों के जरिए वैसी ही रणनीति अपनाई जा रही है।
निर्मला सीतारमण ने कहा, “दिल्ली में टैक्स छूट का फायदा दिखा, और अब बिहार के लोग भी इसका लाभ उठा रहे हैं। जीएसटी सुधारों से न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में उपभोक्ता मांग बढ़ेगी।”
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी सुधारों में 12% और 28% स्लैब को हटाकर दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) लागू करने की योजना से रोजमर्रा की वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, और स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स कम होगा। इससे बिहार जैसे राज्यों में मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जो उपभोक्ता मांग को बढ़ावा दे सकती है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स छूट और जीएसटी सुधारों से राजस्व में कमी का जोखिम है, जिसे सरकार को अन्य स्रोतों से पूरा करना होगा।
बिहार चुनाव पर नजर
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आए इन सुधारों और बजट घोषणाओं ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। बीजेपी और NDA को उम्मीद है कि मखाना बोर्ड, एयरपोर्ट परियोजनाएं, और जीएसटी राहत जैसे कदम मतदाताओं को लुभाएंगे। दूसरी ओर, विपक्ष इसे “चुनावी जुमला” करार दे रहा है।
क्या निर्मला सीतारमण का यह “फेस्टिवल ऑफर” बिहार में एनडीए को जीत दिलाएगा? यह सवाल अब बिहार की जनता के सामने है, और इसका जवाब आने वाले चुनाव में मिलेगा।